मैं इसके साथ नहीं जाऊंगी…। यह मुझे मार डालेगा…। मौत से कुछ घंटे पहले महंत इंदिरेश अस्पताल सामने सड़क पर लोगों के बीच बिलखते हुए लखविंदर यही कह रही थी। रिश्तों के भंवर में फंसी लखविंदर को समाज से मदद की उम्मीद थी, लेकिन लोग पुलिस पर जिम्मेदारी छोड़कर किनारे हो गए। लोगों की सूचना […]

मैं इसके साथ नहीं जाऊंगी…। यह मुझे मार डालेगा…। मौत से कुछ घंटे पहले महंत इंदिरेश अस्पताल सामने सड़क पर लोगों के बीच बिलखते हुए लखविंदर यही कह रही थी।

रिश्तों के भंवर में फंसी लखविंदर को समाज से मदद की उम्मीद थी, लेकिन लोग पुलिस पर जिम्मेदारी छोड़कर किनारे हो गए। लोगों की सूचना पर पुलिस के दो जवान तो आए, मगर मदद करने के बजाए समझौता कराकर चले गए। पुलिसकर्मी यदि लखविंदर को कानूनी सुरक्षा देते तो उसकी जान बच जाती।

हरिद्वार में कथित तौर पर जलाकर मारी गई विवाहिता लखविंदर की मौत के लिए जितना दोषी उसका पति और परिवार है उससे कहीं अधिक पटेलनगर थाने की पुलिस है। पुलिस वालों से लखविंदर बार बार कह रही थी उसका पति उसकी हत्या कर देगा। वह उसके साथ नहीं जाएगी, लेकिन पुलिसकर्मियों यह कहकर पल्ला झाड़ लिया कि यह घरेलू विवाद है। आपस में सुलह कर लो।

हरिद्वार जिले के रानीपुर थाना क्षेत्र के औंरगाबाद निवासी गुरमीत की पत्नी लखविंदर कौर को सोमवार रात जली अवस्था में दून के कोरोनेशन अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उसकी मौत हो गई।

मुजफ्फरनगर के गांधी कॉलोनी निवासी लखविंदर के परिजनों का आरोप है कि गुरुमीत दून में रहता है। सोमवार रात को विवाद के कारण लखविंदर पति की चलती बाइक से कूद गई थी। महंत इंदिरेश अस्पताल के सामने वह काफी देर तक अपने बचाव के लिए लोगों से मदद की गुहार लगाई थी। मौके पर लोगों का जमावड़ा भी लग गया था।

लखविंदर पति के साथ जाने को तैयार नहीं थी। आरोप है कि हंगामे की सूचना पर इंदिरेश अस्पताल स्थित पुलिस चौकी के सिपाही आए थे। पुलिसकर्मियों ने लखविंदर की आशंका को गंभीरता से नहीं लिया।

दोनों को बातचीत की नसीहत देकर चलता कर दिया। परिजनों का आरोप है कि यदि उस समय पुलिस कार्रवाई करती तो लखविंदर की जान बच जाती। हालांकि, पटेलनगर पुलिस का कहना है कि यह आपसी विवाद था।

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~ Source: dehradun.amarujala