बाजपुर के होनहार युवक अजीतपाल शौकर ने सुदूर समुन्द्र में एक पांच वर्षीय बच्ची और उस के अमरीकन माता पिता सहित तीन मानवीय जाने बचा कर, अपने बाजपुर दा नाम कर दित्ता है रोशन। वाक्या 30 मई देर रात्री का है जब ब्राजील की ओर जा रहे व्यवसायिक JACAMAR ARROW नामक जहाज के कप्तान और […]

बाजपुर के होनहार युवक अजीतपाल शौकर ने सुदूर समुन्द्र में एक पांच वर्षीय बच्ची और उस के अमरीकन माता पिता सहित तीन मानवीय जाने बचा कर, अपने बाजपुर दा नाम कर दित्ता है रोशन।

वाक्या 30 मई देर रात्री का है जब ब्राजील की ओर जा रहे व्यवसायिक JACAMAR ARROW नामक जहाज के कप्तान और बाजपुर के होनहार युवक अजीतपाल शौकर ने कैरेबियन सागर में डोमिनिकन रिपब्लिक देश के समीप जहाज के संचार तंत्र पर एक आपातकालीन संदेश पकड़ा।

संदेश में तत्काल मदद की लगायी जा रही थी गुहार।

लोकेशन लेकर अजीतपाल ने मानवीय मूल्यों को बड़ा बनाते हुये तत्काल जहाज को मोड़ दिया घटनास्थल की ओर।

कैरेबिनयन समुद्र में तेज़ हवाओं और उठती भयानक समुंदरी लहरों के बीच लगभग 30 मील आगे जाने पर उन्हें दिखायी दी एक क्षतिग्रस्त नौका जो पलट चुकी थी और उस की रैलिंग पकड़ कर बमुशकिल से जान बचाये बैठे थे एक मासूम बच्ची और उस के माता पिता।

तेज समुद्री हवाओं की मौजूदगी में विकराल होती परिस्थितियों के बीच तत्काल अजीत ने अपने सहयोगी क्रू साथियों के साथ रेस्कयू आप्रेशन शुरु करते हुये बचा लिया पांच वर्षीय बालिका और उसे माता पिता को।

भारतीय सिख युवक की इस बहादुरी पर अमरीकन युवक और युवती ने अपनी जान बचा लिये जाने पर अश्रुपूर्ण नेत्रों से किया धन्यवाद।

अमरीका के इन तीनो नागरिकों को अपने जहाज पर बचा ले आने के बाद अजीत ने तत्काल यूएस कोस्ट गार्ड को किया सूचित।

अजीतपाल शोकर और उस के क्रू साथियों के इस शोर्य और मानवीय मूल्यों को प्राथमिकता से लेने पर यूएस कोस्ट गार्ड के वरिष्ठ नाविक अधिकारियों ने किया पूरी टीम को सलाम और अपने देश की ओर से अजीतपाल और क्रू को प्रशस्ती पत्र भेजने की दी जानकारी।

अजीतपाल शोकर और उस के क्रू साथियों की इस बहादुरी पर समूचे बाजपुर का सीना फख्र से हो गया है चौड़ा।