कि किसी मरीज की इलाज और दवाइयों की कमी के चलते सांस की डोर नहीं टूटनी चाहिए। जब बात किसी की जिंदगी की हो तो यह सरदार पैसे की परवाह भी नहीं करता। इसी जिद्द को पूरा करने में वे दिन-रात लगे रहते है। यहां तक कि अपने व परिवार की इच्छाएं भी सीमित कर […]

कि किसी मरीज की इलाज और दवाइयों की कमी के चलते सांस की डोर नहीं टूटनी चाहिए। जब बात किसी की जिंदगी की हो तो यह सरदार पैसे की परवाह भी नहीं करता। इसी जिद्द को पूरा करने में वे दिन-रात लगे रहते है। यहां तक कि अपने व परिवार की इच्छाएं भी सीमित कर ली। पेशे से बिजनेसमैन एसपी ओबराय अपनी सालाना कमाई का 98 फीसद करीब 20 करोड़ रुपये एजुकेशन और मेडिकल क्षेत्र में बेहतरी के लिए डोनेट कर रहे हैं। प्राइवेट और सरकारी अस्तपालों को एंबूलेंस, दवाओं समेत इलाज के लिए सैकड़ों जरूरी मेडिकल उपकरण व मशीनें वह अब तक दान कर चुके हैं। मरीजों की वन टाइम हेल्प के अलावा उनकी सर्जरी तक का सारा खर्च ओबराय ही उठा रहे हैं। पंजाब यूनिवर्सिटी जैसे बड़े संस्थानों की मदद में भी पीछे नहीं हैं। वर्ष भर दर्जनों स्टूडेंट्स को वह स्कॉलरशिप मुहैया करवा रहे हैं।

27 हजार मरीजों की आंखों की मुफ्त में सर्जरी करवाई ओबराय अब तक 310 आई कैंप लगा चुके हैं, जिसमें 27 हजार से ज्यादा लोगों ने आंखों का इलाज करवाया। मोतियाबिंद का ऑपरेशन बिल्कुल मुफ्त में कर इन मरीजों के लैंस भी लगाए गए। हाल ही में उन्होंने सिविल अस्पताल को डेंगू टेस्ट करने की दो मशीनें मुहैया करवाई हैं। 600 मरीजों की मासिक 4 हजार तक की मदद करीब 600 मरीज ऐसे ड्टाी हैं जिनकी दवाइयों का मासिक खर्च 1 से 4 हजार तक है। इनका खर्च ओबराय उठा रहे हैं। इसमें उनकी दवाइयों के अलावा छोटा मोटा खर्च ड्टाी होता है। यह खर्च रूटीन में होता है। मरीजों की कैंसर और किडनी की महंगी दवाइयां भी इसमें शामिल हैं। वेंटिलेटर देने का काम शुरू, 20 में से 2 दिए अस्पतालों में वेंटिलेटर को लेकर काफी मारामारी रहती है। इसको लेकर उन्होंने काम भी शुरू कर दिया है। एक वेंटिलेटर की कीमत करीब सात लाख है। उनकी प्लानिंग इस साल 20 डोनेट करने की है। दो डोनेट कर चुके हैं। हर तरह के टेस्ट की 6 लैब लगाई, 22 और लगानी हैं ओबराय चाहते हैं कि मरीजों को हर छोटे टेस्ट के लिए जगह जगह धक्के नहीं खाने पड़ें। इसके लिए उन्होंने 6 लैब लगाई हैं जहां हर तरह के टेस्ट होते हैं। इसमें इसीजी, ब्लड और यूरिन टेस्ट के साथ कई तरह के अन्य टेस्ट शामिल हैं। इस तरह की 22 लैब और उनको खोलनी हैं। हर टेस्ट बिल्कुल निशुल्क होता है। 110 मरीजों की सर्जरी करवा उठा रहे नियमित इलाज का खर्च ओबराय दवाइयों के अलावा मरीजों की सर्जरी का भी खर्च उठा रहे हैं। 110 लोगों की वह वन टाइम मदद कर चु के हैं। इसमें मरीजों की कई तरह की सर्जरी होती है जिसका खर्च खु द ओबराय उठाते हैं। हर मरीज की सर्जरी पर औसतन 20 हजार का खर्च आया है।