अमृतसर. जेएंडके के बाढ़ प्रभावितों के लिए श्री दरबार साहिब में पिछले कई दिनों से लंगर तैयार किया जा रहा है। पहले दिन यहां 25 हजार प्रभावित लोगों के लिए लंगर तैयार किया गया। फिर 50 हजार और अब रोजाना एक लाख प्रभावितों के लिए लंगर तैयार कर एयरफोर्स की मदद से भिजवाया जा रहा है। एसजीपीसी के प्रधान जत्थेदार अवतार सिंह मक्कड़ ने कहा कि उनकी संस्था ये पवित्र काम हालात सामान्य होने तक जारी रखेगी। बता दें कि श्री दरबार साहिब में रोजना एक लाख श्रद्धालु लंगर छकते हैं।
21 घंटे में 1023 लोगों को अमृतसर पहुंचाया
जम्मू-कश्मीर में बारिश से हुई भारी तबाही के बाद सेना और एयरफोर्स की ओर से लोगों को कश्मीर से सुरक्षित निकालने के काम में तेजी लाई जा रही है। शनिवार रात और रविवार 21 घंटे में 1023 लोगों को एयरफोर्स के जवान श्री गुरुराम दास एयरपोर्ट लेकर पहुंचे।
जिला प्रशासन की ओर से इन लोगों को रिसीव करने के लिए डिप्टी कमिश्नर रवि भगत के अलावा प्रशासनिक अधिकारी मौजूद थे। प्रशासन की ओर से यहां पहुंचने वाले लोगों के खाने पीने का प्रबंध एयरपोर्ट पर ही किया गया था। इसके बाद इन लोगों को बसों से रोडवेज और रेलवे स्टेशन पहुंचाया गया। डिप्टी कमिशनर ने बताया कि जो लोगों जहां जहां के रहने वाले हैं रेल गाड़ी और बस से उन्हें मुफ्त उनके ठिकाने तक पहुंचाया जाएगा।
इधर, एयरफोर्स के चार्ली-17 जहाज से रविवार दोपहर बाद करीब सवा तीन बजे कश्मीर से 283 लोग एयरपोर्ट पर पहुंचे। डिप्टी कमिशनर रवि भगत की आगुवाई में यहां मौजूद प्रशासन की टीम ने इन सभी लोगों को दोपहर का खाना खिलाया और इनके लिए बसों का इंतजाम किया। सेना की मदद से पहुंचे लोगों ने ईश्वर और सेना को मसीहा बताया।
एसजीपीसी की मदद से सुरक्षित पहुंचे 32 लोग
शाम करीब सवा चार बजे स्पाईस जेट की फ्लाईट से 32 लोग एयरपोर्ट पर पहुंचे। इनकी टिकटों का इंतजाम एसजीपीसी ने किया था। जगदेव कलां के गुरदेव सिंह और जोबन जीत सिंह ने बताया कि वह 2005 से हर साल ठेके पर काम करने श्रीनगर जाते रहे हैं। 10 सालों के दौरान बारिश और आंधी तूफान तो आते रहे, लेकिन इतनी बड़ी तबाही आज तक नही देखी। बुलंदशहर निवासी अरुण और शिल्पा अपने दो बच्चों के साथ सुरक्षित यहां पहुंचे। उन्हांेने कहा कि ईश्वर की कृपा और सेना के जवानों की जांबाजी के चलते वह सुरक्षित घर लौट रहें है।
श्रीनगर में कस्टम की सब-डिविजन प्रभावित, दो हफ्ते तक चावल खाकर किया टीम ने गुजारा
अमृतसर. जेएंडके के बाढ़ से श्रीनगर स्थित कस्टम की सब-डिवीजन भी बुरी तरह से प्रभावित हुई है। वहां ड्यूटी पर तैनात मुलाजिम दो हफ्ते तक फंसे रहे। स्थानीय लोगों ने उनको बड़ी मशक्कत से निकाला। डल झील के पास स्थित इस सब-डिवीजन भी बाढ़ से प्रभावित हुई है। यहां पर अमृतसर कमिश्नरेट के आठ लोग ड्यूटी पर तैनात थे, बाकी लोकल रहे हैं। वापस आई टीम ने बताया कि रात में आई बाढ़ के कारण एकाएक सब कुछ डूब गया। वे लोग निकलना चाहते थे, लेकिन कोई रास्ता नहीं बचा था। बिजली, टेलीफोन सारी सेवाएं बंद हो गई थीं। खाने की स्थिति के बारे में इन लोगों का कहना है कि दो हफ्ते तक इन लोगों ने सूखा चावल खाकर गुजारा किया। पूरा इलाका जलमग्न होने के कारण राहत सामग्री भी नहीं पहुंच पा रही थी। इसके बाद स्थानीय लोगों ने उनको किसी तरह से बाहर किया और शनिवार को वे लोग घरों को लौट आए हैं। इन लोगों का कहना है कि फिलहाल स्थिति काफी खराब है। अभी एक महीने से पहले किसी भी तरह से स्थिति सामान्य होने का कोई चांस नहीं है।
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