तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा ने दुनिया भारत से प्रेरणा लेने की नसीहत दी है। उनका कहना है कि भारत ने 2,000 से अधिक वर्षोंं से धार्मिक सौहार्द को बनाए रखा है। इसकी ताजा मिसाल पेश की है आॅरलैंडो के सिख समुदाय ने। इससे इंकार नहीं किया जा सकता कि दुनिया के जिस कोने में […]

तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा ने दुनिया भारत से प्रेरणा लेने की नसीहत दी है। उनका कहना है कि भारत ने 2,000 से अधिक वर्षोंं से धार्मिक सौहार्द को बनाए रखा है। इसकी ताजा मिसाल पेश की है आॅरलैंडो के सिख समुदाय ने। इससे इंकार नहीं किया जा सकता कि दुनिया के जिस कोने में भारतीय गए हैं उन्होंने वहां अपनी पहचान छोड़ी है।

अॉरलैंडो के गे क्लब में हुई गोलीबारी की घटना की प्रतिक्रिया में सिख समुदाय में उसके विरुद्ध हिंसा होने का डर सताने लगा था। वैसे भी रिपब्लिकन्स पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप अप्रवासियों के खिलाफ जहर उगलते रहे हैं। लेकिन आॅरलैंडो के सिखों ने पैसा ही नहीं, बल्कि रक्तदान की पेशकश करके सबका दिल जीत लिया।

हालांकि आेबामा प्रशासन ने सिख समुदाय को सुरक्षा का पूरा भरोसा दिलाया था, लेकिन अपनी चिंता न करते हुए सिख समुदाय ने वहां के स्थानीय प्रशासन, सामाजिक-धार्मिक संगठनों को चौंका दिया। इसकी जितनी प्रशंसा की जाए वह कम होगी। गोलीबारी के पीडितों की मदद करने का बीड़ा उठाने को तैयार सिखों ने मानवता का परिचय तो दिया ही, साथ ही आॅरलैंडो के लोगों को बता दिया कि वे उनके समुदाय का ही एक हिस्सा हैं।

यहां रेस्टोरेंट चलाने वाले बलजीत सिंह को जैसे ही नाइट क्लब में हुई गोलीबारी की घटना का पता चला उन्होंने अपने फोन के माध्यम से सभी परिचितों को मदद के लिए पूछना शुरू कर दिया। स्थानीय प्रशासन ने उन्हें इंतजार करने के लिए कहा। एक अनुमान के मुताबिक आॅरलैंडो में करीब 125 सिख परिवार रहते हैं। उन्होंने अपने दो गुरुद्वारों के माध्यम से स्थानीय प्रशासन को सहायता देने की पहल की। फ्लोरिडा स्थित गुरुद्वारे नानकसर के हरजीत सिंह कहते हैं कि हम से जो कुछ बन पड़ेगा, वैसी मदद करने के लिए हर समय तैयार हैं।

बलजीत सिंह यूं तो पिछले 31 सालों से अमरीका में रह रहे हैं, लेकिन वह वर्ष 2002 में आॅतलैंडो में आकर बस गए। यहां सिख परिवारों ने इस घटना के मद्देनजर भोजन और रक्तदान करने का प्रस्ताव भी रखा। वे घायलों के लिए आर्थिक सहायता देने के लिए तैयार हो गए। हालांकि इस घटना के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करने के लिए वे कैंडल मार्च भी निकालना चाहते थे। प्रशासन ने उनसे कहा कि स्थिति सामान्य होने तक उनसे इंतजार करने को कहा। सुरक्षा कारणों से कैंडल मार्च की अनुमति नहीं दी गई।

बलजीत यहां वन ब्लड नामक ब्लड बैंक के संपर्क में हैं। यह बैंक घायलों की मदद के लिए रक्तदान को स्वीकार करता है। बैंक को रक्तदान के लिए बड़ी संख्या में फोन कॉल्स आईं, लेकिन उसने अपील जारी की कि उन्हें इसके बारे में बता दिया जाएगा। फ्लोरिडा स्थित गुरुद्वारे के प्रवक्ता के मुताबि​क इस घटना के प्रभावितों और उनके संबंधियों से हम संपर्क करने का प्रयास कर रहे हैं और उनकी मदद करना चाहते हैं।

स्वयं पर हमला होने की आशंका से सिख समुदाय चाहता तो घरों में दुबक कर बैठ जाता अथवा उनसे मिलने आए ओबामा के अधिकारी से पुलिस सुरक्षा की मांग करता। लेकिन उन्होंने ऐसा नही किया, वे मृतकों और घायलों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करने घरों से बाहर आ गए और उनके परिजनों की मदद के लिए कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हो गए। भारतीयों की इसी सेवा और मैत्री भावना की यह दुनिया कायल है।

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