हे भगवान! मैं यह जान कर बेहद हैरान (अचम्भित) हूँ।

यह यकीकन पागलपना है – क्या सच में हम में से अधिकांश में विटामिन डी की कमी हैं ????
मुझे नहीं पता था कि कातिल (हत्यारा) मेरे घर में ही है !

मै शुक्रगुज़ार हूँ कि इस वीडियो ने मेरी आँखे खोल दीं।

स्वयं जाने और सबको इस से अवगत कराएं
ज्ञान को फैलने दो!

एक नई महामारी ने चुपचाप हमारे जीवन को घेर लिया है
यह काफी विवादास्पद विषय है। आगे की स्लाइड्स आप स्वयं देखें और तय करें।

एक अनुमान के अनुसार भारत की 80% शहरी आबादी में
विटामिन डी (धूप से मिलने वाले विटामिन) की कमी पाई गई है।

हाल ही में जारी रिपोर्ट बताती है कि “दिल्ली में 10 में से 8 लोग विटामिन डी की कमी से पीड़ित हैं”

इसका सबसे बड़ा संभावित कारण RO वाटर है
जी हाँ! R.O. वाटर

डब्ल्यूएचओ (WHO)की रिपोर्ट से परेशान करने वाले तथ्य सामने आए हैं ”
राष्ट्रीय संस्थान सार्वजनिक स्वास्थ्य, चेक गणराज्य के Frantisek Kozisek द्वारा प्रकाशित “विखनिजीकृत पीने के पानी से स्वास्थ्य के जोखिम” के आशय से

डब्ल्यूएचओ का कहना है, “स्वच्छ पेयजल की तलाश में, हम पानी से कई आवश्यक खनिज निकाल फैंकते हैं”
RO वाटर वास्तव में कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बनता है

डब्ल्यूएचओ ने एक रिपोर्ट भी जारी की, जिसमें सैकड़ों वैज्ञानिक अध्ययनों का विश्लेषण करने के बाद कहा गया कि RO पानी “जानवरों और मानव जाति पर निश्चित रूप से प्रतिकूल प्रभाव डालता है।”

इसी तरह का एक अध्ययन Medical Journal Armed Forces India में प्रकाशित हुआ था
“डेमिनरलईजेशन ऑफ़ ड्रिंकिंग वॉटर : इस इट प्रूडेन्ट?” द्वारा कर्नल के.सी. वर्मा और लेफ्टिनेंट कर्नल ए.एस. कुशवाहा

चेक और स्लोवाक स्वास्थ्य विभाग तब सकते में आ गया, जब सन 2000 में RO वाटर के घरों में नलको द्वारा बांटे जाने के कुछ हफ्तों के भीतर ही मैग्नीशियम और कैल्शियम की तीव्र कमी की शिकायतें सामने आईं।

आरओ वाटर खनिजो का भूखा है
आरओ वाटर हर पदार्थ के साथ बंध जाता है, और यह खनिजों को उडा ले जाता है – जैसे आपके भोजन और शरीर में

जब इसका सेवन किया जाता है तो यह आपके शरीर से खनिजों को बाहर धकेलता है
आरओ वाटर के सेवन से कैल्शियम (विटामिन-डी) और मैग्नीशियम (शांतिदायक खनिज) आपके शरीर से निकल जाते हैं

वैज्ञानिकों ने आगे अनुसंधान किया और पाया कि “इस खनिजो की आपूर्ति हमारे आहार द्वारा नहीं की जा सकती …… आरओ पानी शरीर से खनिजों के बढ़ती कमी के लिए जिम्मेदार था।”
आरओ पानी के सेवन से शरीर के पानी में घुल जाने वाले इलेक्ट्रोलाइट्स कमजोर होना शुरू हो जाते है।

आपके द्वारा भोजन और विटामिन के रूप में लिए जाने वाले खनिज मूत्र के द्वारा आपके शरीर से निकल रहे है

R.O वाटर से कैल्शियम की कमी हो जाती है जिससे होने वाले कुछ रोग है
ऑस्टियोपोरोसिस, गठिया, अवसाद, मूड स्विंग, चिड़चिड़ापन
बोन लोस, बालों का झड़ना,

R.O वाटर से मैग्नीशियम की कमी हो जाती है जिससे होने वाले कुछ रोग है
मधुमेह, थकान, ऐंठन, अनिद्रा, उच्च रक्तचाप, कोरोनरी हृदय रोग और ऑस्टियोपोरोसिस।

इस पर कई वैज्ञानिक अध्ययन प्रकाशित हुए हैं:
आरओ वाटर बच्चों में फ्रैक्चर के उच्च जोखिम का कारण हो सकता है
(Verd Vallespir et al. 1992),

अवसाद और कुछ न्यूरो डीजेनेरेटिव बीमारियों का कारण बन सकता है (Jacqmin et al. 1994),

समय से पूर्व शिशु का जन्म और नवजात का कम वजन होना (Yang et al. 2002)

कुछ प्रकार के कैंसर (Yang et al. 1997; Yang et al. 1998).

अचानक मृत्यु के जोखिम में बढ़ोतरी (Eisenberg 1992; Bernardi et al. 1995; Garzon and
Eisenberg 1998),

आरओ पानी का सेवन मोटर न्यूरोनल रोग के उच्च जोखिम के साथ जुड़ा हुआ लगता है। (Iwami et al. 1994),

गर्भावस्था के विकार (तथाकथित प्रीक्लेम्पसिया) (Melles & Kiss 1992)

महामारी विज्ञान के अध्ययन बताते हैं कि RO पानी समाज के लिए बड़ा खतरा हो सकता है

हमारे पूर्वज पानी का सेवन करते थे
अब, RO पानी हमारा सेवन कर रहा है

अब जागरूक होने का समय है

50-100 टीडीएस(TDS) वाला RO वाटर स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है

केवल 300 से 400 टीडीएस(TDS) वाले पानी का सेवन करें

या अपने RO वॉटर मशीन को 300-400 टीडीएस(TDS) का पानी प्रदान करने के लिए अनुकूल करें

टीडीएस की जांच आप अपने घर पर ही मात्र रु. 150 की लागत के टीडीएस मीटर से कर सकते है।

जनहित में जारी